4,174

रमज़ान में जनाबत के ग़ुस्ल को फ़ज्र उदय होने के बाद तक विलंबित करना

प्रश्न: 7310

क्या जनाबत (संभोग या वीर्य पात के कारण होने वाली  अशुद्धता) के लिए ग़ुस्ल को फ़ज्र के उदय होने तक विलंबित करना जायज़ हैॽ तथा क्या महिलाओं के लिए मासिक धर्म या प्रसवोत्तर रक्तस्राव के समाप्त होने पर गुस्ल को फ़ज्र के उदय होने तक विलंबित करना जायज़ हैॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

यदि महिला फज्र से पहले शुद्धता (पाकी) को देखती है, तो उसके लिए रोज़ा रखना अनिवार्य है और उसके लिए फ़ज्र के उदय होने के बाद तक गुस्ल को विलंबति करने में कोई रुकावट नहीं है। लेकिन उसके लिए उसे सूर्य के उगने तक विलंबित करने की अनुमित नहीं है। इसी तरह जनाबत वाले व्यक्ति के लिए गुस्ल को सूरज के उगने के बाद तक विलंबित करना जायज़ नहीं है। जबकि पुरुषों को चाहिए कि ग़ुस्ल करने में जल्दी करें ताकि वे फ़ज्र की नमाज़ जमाअत के साथ अदा कर सकें।

संदर्भ

स्रोत

फतावा अश-शैख इब्ने बाज़