गुरुवार 18 रमज़ान 1445 - 28 मार्च 2024
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कृत्रिम गर्भाधान में पति-पत्नी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के अंडे या शुक्राणु का उपयोग करना

प्रश्न

पति-पत्नी के अलावा किसी और के अंडे या शुक्राणु (स्पर्म) का उपयोग करके कृत्रिम गर्भाधान का क्या हुक्म हैॽ इस मामले में बच्चे को किससे संबंधित किया जाएगाॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

यदि निषेचन की प्रक्रिया में पति-पत्नी के अलावा किसी तीसरे पक्ष (अजनबी तत्व) को शामिल किया जाता है (जिसे सरोगेसी प्रक्रिया के नाम से जाना जाता है), जैसे कि अंडा पति-पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला का हो, या पति-पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला की कोख का उपयोग किया जाए, या स्पर्म (शुक्राणु) पति के अलावा किसी अन्य पुरुष का हो, तो इन मामलों में निषेचन हराम (निषिद्ध) है। क्योंकि इसे ज़िना (व्यभिचार) माना जाता है। जब एक महिला पुरुष के वीर्य का उपयोग करती है, तो यह हलाल और हराम होने के संदर्भ में संभोग के हुक्म के अंतर्गत आता है।

इस तरह की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पैदा होने वाले बच्चे को उसकी उस माँ से संबंधित किया जाएगा जिसने उसे जन्म दिया है। उसे उस आदमी से संबंधित नही किया जाएगा जिसका शुक्राणु है, जैसा कि ज़िना (व्यभिचार) के बच्चे के मामले में हुक्म है। यदि वह व्यक्ति बच्चे के वंश का दावा करता है और कोई उसपर उससे विवाद नहीं करता है, तो उस बच्चे को उसी से संबंधित किया जाएगा। क्योंकि शरीयत की मंशा यही है कि लोगों को उनके पिताओं से संबंधित किया जाए। जहाँ तक इस हदीस का संबंध है कि : “बच्चा बिस्तर वाले के लिए है और व्यभिचारी के लिए पत्थर है।”, तो इसकी व्याख्या उस मामले के संदर्भ में की जाएगी जहाँ विवाद हो, जैसा कि इस हदीस के कारण (पृष्ठिभूमि) से स्पष्ट होता है।

स्रोत: मजल्लह अद-दावह, अंक संख्या : 1796, पृष्ठ : 20